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नेत्र रोग के ज्योतिषीय कारण व उसके उपाय

नेत्र रोग के ज्योतिषीय कारण व उसके उपायकिसी व्यक्ति की आंखों की स्थिति का अनुमान लगाने के लिए कुंडली के दूसरे भाव का विचार किया जाता है। उसमें भी दायीं आंख के लिए दूसरा भाव और बायीं आंख के लिए द्वाद्श भाव को देखा जाता है। फिर भी विशेष रुप से दूसरा भाव आंखों के लिए खास...

शनि द्वारा जनित विष योग

शनि द्वारा जनित विष योग विष योग – जब भी किसी जातक की कुंडली में शनि और चन्द्रमा तथा शनि और सूर्य एक साथ विराजमान होते है ये विष योग की उत्पत्ति करते है जिसके कारन कई कष्टो का कारन जातक के जीवन में बन जाता है॥ आयु , मृत्यु, भय, दुख, अपमान, रोग, दरिद्रता, दासता, बदनामी,...

बसंत पंचमी

-बसंत पंचमी आप सबके लिए शुभता लाये यही मेरी मनोकामना है -◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆जय जगदीश्वरी  मात  सरस्वती,शरणागत  प्रतिपालन  हारी ॥चंद्र बिम्ब सम वदन विराजेशीश मुकुट गल माला धारी  वीणा  वाम  अंग  में  सोहे,साम  गीत ध्वनि  मधुरपियारीश्वेत  वसन कमलासन  सुन्दर...

वास्तुदोष निवारक यन्त्र

वास्तुदोष निवारक यन्त्रवास्तु दोषों के विभिन्न दिशाओं में होने से उससे सम्बन्धित यन्त्र उपयोग में लाकर उन दोषों का निवारण किया जा सकता है। इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि यन्त्र जानकर व्यक्ति द्वारा विधि पूर्वक बनाये गये हों व उनकी शुद्धि भी कर ली गई ...