*ग्रहो के उपाय*·सूर्य को शरीर कहा गया हें.·चन्द्रमा को मन कहा गया हें.·मंगल को सत्व·बुध को वाणी-विवेक·गुरु को ज्ञान और सुख·शुक्र को काम और वीर्य,·शनि को दुःख,कष्ट और परिवर्तन तथा·राहू और केतु को रोग एवं चिंता का करक/अधिष्ठाता माना जाता हें.उच्च से शुभ / नीच से अशुभ फल·सूर्य ग्रह मेष राशी में उच्चका होकर शुभ फल देता हें और तुला राशी में नीच का होकर अशुभ फल देता हें·चन्द्रमा ग्रह वृषभ राशी मेंउच्चका होकर शुभ फल देता हें और वृश्चिक में नीच का होकर अशुभ फल देता हें·मंगल ग्रह मकर में उच्चका होकर शुभ फल देता हें औरकर्क में नीच का फल होकर अशुभ फल देता हें·बुध ग्रह कन्या मेंउच्चका होकर शुभ फल देता हें का और मीन में नीच का होकर अशुभ फल देता हें·गुरु ग्रह कर्क मेंउच्चका होकर शुभ फल देता हें और मकर में नीच का होकर अशुभ फल देता हें·शुक्र ग्रह मीन मेंउच्चका होकर शुभ फल देता हें और कन्या में नीच का होकर अशुभ फल देता हें·शनि ग्रह तुला में उच्चका होकर शुभ फल देता हेंऔर मेष में नीच का होकर अशुभ फल देता हें·राहू ग्रहमिथुन में उच्चका होकर शुभ फल देता हेंऔर धनु में नीच का होकर अशुभ फल देता हें·केतु ग्रह धनु मेंउच्चका होकर शुभ फल देता हें और मिथुन में नीच का होकर अशुभ फल देता हें .ध्यान रखें..सिंह एवं कुंभ राशी में कोई भी ग्रह उच्च या नीच का नहीं होता हें..ज्योतिषसिद्धांत के अनुसार संक्षिप्त में जानिए ग्रह दोष से उत्पन्न रोग और उसकेनिवारण तथा किस ग्रह के क्या नकारात्मक प्रभाव है और साथ ही उक्त ग्रहदोषसे मुक्ति हेतु अचूक उपाय –उपाय करने का नियम उपाय किसी योग व्यक्ति की सलाह में ही करेंकभीभी किसी भी उपाय को 43 दिन करना चहिये तब ही फल प्राप्ति संभव होती है।मंत्रो के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला सबसे उचित मानी गई है | इन उपायोंका गोचरवश प्रयोग करके कुण्डली में अशुभ प्रभाव में स्थित ग्रहों को शुभप्रभाव में लाया जा सकता है। सम्बंधित ग्रह के देवता की आराधना और उनकेजाप, दान उनकी होरा, उनके नक्षत्र में अत्यधिक लाभप्रद होते है | सूर्य ग्रहसूर्य पिता, आत्मा समाज में मान, सम्मान,यश, कीर्ति, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा का कारक होता है | इसकी राशि है सिंह |सूर्य के अशुभ होने का कारणकिसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार का टैक्स चोरी करने एवंकिसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है।कुंडली मेंसूर्य के अशुभ होने परपेट, आँख, हृदय का रोग हो सकता है साथ ही सरकारीकार्य में बाधा उत्पन्न होती है।इसके लक्षण यह है कि मुँह में बार-बारबलगम इकट्ठा हो जाता है, सामाजिक हानि, अपयश, मनं का दुखी या असंतुस्टहोना, पिता से विवाद या वैचारिक मतभेद सूर्य के पीड़ित होने के सूचक है | –ये करें उपाय-·ऐसे में भगवान राम की आराधना करे |·आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे,सूर्यको आर्घ्य दे, गायत्री मंत्र का जाप करे |·ताँबा, गेहूँ एवं गुड का दानकरें।·प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें।·ताबें के एक टुकड़े कोकाटकर उसके दो भाग करें। एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथरखें।·ॐ रं रवये नमः या ॐ घृणी सूर्याय नमः १०८ बार (१ माला) जाप करे| सूर्य पारिवारिक उपाय :यदि कुन्डली मे सूर्य अशुभ प्रभाब दे रहा हो तो परिवार मे सुर्य अर्थातपिता या पिता तुल्य लोगों का आदर सत्कार करना चहिये उनकी सेवा करनी चहियेउन्हें प्रसन्न रखना चहिये , यदि परिवार मे पिता या पिता तुल्य लोग आपसेसंन्तुष्ट रहेंगे तो सुर्य के अशुभ प्रभाव से आप बचे रहेंगे !सूर्यदान (दिन – रविवार)सूर्य ग्रह कि शांति हेतु गेहूँ, ताँबा, घी, गुड़,माणिक्य, लाल कपड़ा, मसूरकी दाल,कनेर या कमल के फूल, गौ दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैंदान किसे और कब देंदान के विषय में शास्त्र कहता है कि दान का फलउत्तम तभी होता है जब यह शुभ समय में सुपात्र को दिया जाए।·सूर्य सेसम्बन्धित वस्तुओं का दान रविवार के दिन दोपहर में ४० से ५० वर्ष केव्यक्ति को देना चाहिए.सूर्य की शांति के लिए टोटके·सूर्य कोबली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रात:काल सूर्योदय के समय उठकर लाल पूष्पवाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।·गाय का दान अगर बछड़े समेतगुड़,सोना, तांबा और गेहूंसूर्य सेसम्बन्धित रत्न का दान|·रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रात:काल उसे पीना चाहिए।·ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।·लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाने चाहिए। गेहूँ को जमीन पर नहीं डालना चाहिए।·किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।·हाथ में मोली (कलाव ·हाथ में मोली (कलावा) छ: बार लपेटकर बाँधना चाहिए। ·लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए। ·सूर्य ग्रह की शांति के लिए रविवार के दिन व्रतकरना चाहिए. ·गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए. ·किसी ब्राह्मण अथवागरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने से भी सूर्य ग्रह के विपरीत प्रभावमें कमी आती है. ·अगर आपकी कुण्डली में सूर्य कमज़ोर है तो आपको अपने पिताएवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं.प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करने से भी सूर्य की विपरीत दशा से आपको राहतमिल सकती है. ·सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय केसमय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए। ·हाथमें मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए। ·लाल चन्दन को घिसकर स्नानके जल में डालना चाहिए। विशेष प्रभाव के लिए नीचे ध्यान दें सूर्य के दुष्प्रभावनिवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) तथा सूर्य की होरा में अधिकशुभ होते हैं। क्यान करें— आपका सूर्य कमज़ोर अथवा नीच का होकर आपको परेशान कर रहा है अथवाकिसी कारण सूर्य की दशा सही नहीं चल रही है तो आपको ·गेहूं और गुड़ का सेवननहीं करना चाहिए. ·इसके अलावा आपको इस समय तांबा धारण नहीं करना चाहिएअन्यथा इससे सम्बन्धित क्षेत्र में आपको और भी परेशानी महसूस हो सकती है
Astro Shaliini Malhottra
Remedial path making life eeasy
9910057645
Mera naam manju mere khud ka ghar kb hoga