Select Page

वट सावित्री व्रत के लिए महत्वपूर्ण पूजन सामग्रियांलाल पीले रंग का कलावा या रक्षा सूत्रकुमकुम या रोलीबांस का पंखाधूप, दीपक, घी-बातीसुहागिनों के सोलह श्रृंगार की सामग्रीपूजा के लिए सिंदूरपांच प्रकार के फलपुष्प-मालापूरियां, गुलगुलेभिगोएं चनेजल भरा हुआ कलशबरगद का फलबिछाने के लिए लाल रंग का आसनवट सावित्री पूजा का महत्वशास्त्रों की माने तो बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश अर्थात त्रिदेव का वास होता है.इनकी आराधना से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.पति के लंबे आयु व आरोग्य रहने का वर मिलता है.सभी पापों का नाश होता है.वट सावित्री पूजा विधिशादीशुदा महिलाएं अमावस्या तिथि को सुबह उठें, स्नानादि करें.लाल या पीली साड़ी पहनें.दुल्हन की तरह सोलह श्रृंगार करें.व्रत का संकल्प लेंवट वृक्ष के नीचे आसन ग्रहण करें.सावित्री और सत्यवान की मूर्ति स्थापित करें.बरगद के पेड़ में जल पुष्प, अक्षत, फूल, मिष्ठान आदि अर्पित करें.कम से कम 5 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें और उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद प्राप्त करें.फिर पंखे से वृक्ष को हवा देंहाथ में काले चने लेकर व्रत की संपूर्ण कथा सुनें