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*सूर्यग्रहण, (खग्रास) 4 दिसंबर 2021 ई., मार्गशीर्ष अमावस, शनिवार*

 

*(यह सूर्यग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नही है, अतः सूतक इत्यादि का कोई विचार नहीं है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी कोई परहेज नहीं है।)*

*भारतीय समयानुसार सूर्यग्रहण का समय:-*

भारतीय समय के अनुसार 04 दिसंबर 2021 को सूर्य ग्रहण सुबह लगभग 11 बजे शुरू हो जाएगा। दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा। करीब 01 बजकर 57 मिनट पर यह ग्रहण पूर्ण रूप से चंद्रमा की छाया में रहेगा जिसकी वजह से इस समय दिन में कुछ समय के लिए अंधेरा छा जाएगा।

 

4 दिसंबर को होने वाला ग्रहण सूर्यग्रहण होगा। यह साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण होगा। हिंदू पंचांग की ज्योतिषीय गणना के आधार पर यह सूर्यग्रहण विक्रम संवत 2078 के मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि पर वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा।

 

भारत में इस सूर्यग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। साल 2021 का यह दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर को अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा।

 

शनि अमावस्या के दिन किए गए खास उपाय शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के मुक्ति दिलाता है। एक ही दिन सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या होने के चलते दान करना बेहद शुभ रहेगा। इस दिन श्रद्धा के मुताबिक दान करने का संकल्प लेना चाहिए। फिर जरुरतमंद लोगों को दान देना चाहिए।

 

इस दिन काले उड़द, काले तिल, नीलम, कुलथी, भैंस, लोहा, काले वस्त्र, छाता, सरसो का तेल, जूते-चप्पल, लकड़ी का पलंग, काले कपड़ा, कम्बल व दक्षिणा का दान करने से शनि दोष खत्म हो जाता है।

 

जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है उन्हें सरसों के तेल में अपनी परछाईं देखकर छायापात्र का दान करना चाहिए।

 

कुत्ते तथा कौवे को रोटी खिलाने शनिदेव प्रसन्न होते है।

 

शाम को पश्चिम की ओर तेल का दीपक जलाएं ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:” मंत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करने से लाभ होता है।

 

*निम्नलिखित मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए:-*

 

शनिदेव का प्रार्थना मन्त्र:-

*नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ।*

*छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम् ।।*

 

अर्थ–जो नीले काजल के समान आभा वाले, सूर्य के पुत्र, यमराज के बड़े भाई तथा सूर्य पत्नी छाया और मार्तण्ड (सूर्य) से उत्पन्न हैं उन शनैश्चर को मैं नमस्कार करता हूँ।

 

शनिदेव से पीड़ा मुक्ति हेतु प्रार्थना मन्त्र:-

*सूर्यपुत्रो दीर्घदेहा विशालाक्ष: शिवप्रिय:।*

*मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि ।।*

 

अर्थात्–सूर्य के पुत्र, दीर्घ देह वाले, विशाल नेत्रों वाले, मन्दगति से चलने वाले, भगवान शिव के प्रिय तथा प्रसन्नात्मा शनि मेरी पीड़ा को दूर करें।