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गृह- क्लेश
घर की प्रमुख स्त्री प्रातः ब्रम्हा मुहूर्त में विस्तर त्याग दें और सूर्योदय से पूर्व दो मुट्ठी चावल पकाए. पके चावल को ठंडी होने दें,तत्पश्चात अवश्यकतानुसार घृत और सक्कर मिलाकर, रात की बची ( बासी ) रोटी पर घी- सक्कर मिश्रित चावल को रखे और बिना किसी से कुछ बोले घर से बाहर आएं ,सड़क अथवा कही बंधी पहली गाय दिखाई दे उसे ही रोटी और चावल खिला दें .यह प्रयोग पांच शुक्रवार को करनी है ,इससे गृह क्लेश समाप्त होता है तथा सभी एक- दुसरे से प्रेम पूर्वक बात व्यावहार करने लगेंगे!
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