पूजा – पाठ करने से आध्यात्मिक परेशानियां दूर होती हैं , और मन शांत होता है। घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। परन्तु कभी-कभी ऐसा होता है, हम प्रतिदिन पूजा है फिर भी घर में सुख शांति नहीं रहती है।
आखिरकार ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है हम प्रतिदिन पूजा तो करते हैं। परंतु पूजा के दौरान पूजा के नियम का पालन नहीं करते हैं।
हमें पूजा के दौरान कई बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे भगवान प्रसन्न होते हैं। जिससे घर में सुख- शांति का वास होता है और भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है।
5 महत्वपूर्ण प्रार्थना जो एक हिंदू द्वारा जरूर किए जाने चाहिए
1 – क्षमाप्रार्थना –
सुबह उठते ही केवल एक बार कीजिए , शानदार जीवन होगा
समुद्रवसने देवि ,पर्वतावलिभूषिते ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं , पादस्पर्शं क्षमस्व मे ।।
2 – सूर्यनमस्कार –
केवल सूर्योदय के समय कीजिए , समाज में सूर्ये के सामान चमकोगे
ध्येयः सदा सवितृमण्डलमध्यवर्ती , नारायणः सरसिजासनसन्निविष्टः ।
केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी , हारी हिरण्मयवपुर्धृतशङ्खचक्रः ।।
3 – भोजनमन्त्र –
भोजन से पहले कीजिए ,उम्र बढ़ा देगा
सततमशनकाले मातृभूमिं स्मरेयम् , जय जय जननि त्वं मुक्तकण्ठं वदेयम् । हितदसुखदमन्नं प्रत्यहं
भक्षयेयम् , भवतु बलसमृद्धं राष्ट्रभक्त्यै शरीरम्।।
4 – दीपस्तुति –
पूजा में दीपक जलाते ही एक बार जाप कीजिए ,पूजा फलित होगी
दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरति पापानि सन्ध्यादीप नमोऽस्तुते ॥
5 – शान्तिमन्त्र –
रात सोने से पहले , 3 बार जाप कीजिए , शानदार नींद आएगी
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ।।
ॐ शांति, शांति, शांतिः
सुबह पूजा करने के फायदे
1 – सुबह जल्दी पूजा करने के लिए जल्दी जागना पड़ता है। सुबह-सुबह जल्दी उठने से हमारे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। दिन भर ताजगी बनी रहती है।
2 – पूजा करते समय भगवान का ध्यान करना होता है, मंत्रों का जाप करना होता है, इन कामों के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।
3 – ये समय ध्यान यानी मेडिटेशन के लिए बहुत अच्छा होता है। सुबह फालतू शोर भी नहीं होता है, वातावरण में शुद्धता रहती है।
4 – सुबह हमारे दिमाग में इधर-उधर के व्यर्थ विचार नहीं होते। भगवान की भक्ति के लिए जरूरी है कि मन एकाग्र रहे, ताकि पूरा ध्यान पूजा में लगाया जा सके।
5 – दिन में अशांत मन और बुरे विचारों की वजह से ठीक से पूजा नहीं कर पाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ब्रह्म मुहूर्त को पूजादि कर्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
6 – जब पूजा शांत मन से धैर्य के साथ की जाती है तो भगवान भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। सुबह-सुबह ध्यान करने से मानसिक तनाव दूर होता है, मंत्र जाप करने से बुद्धि तेज होती है।
7 – सुबह के बाद दिन में किसी और समय में हम कई काम करते हैं, जिससे मन में बहुत सी बातें चलती रहती हैं। मन पूरी तरह एकाग्र नहीं हो पाता है।
पंचोपचार , दशोपचार और षोडशोपचार पूजा विधान
वैदिक धर्म में वैसे तो सर्वोत्तम और उच्चतम स्तर की पूजा , मानसिक पूजा और ध्यान को कहा गया है। जब आपका मन ईश्वर में एका कार हो जाये ,वो पूजा विधान उत्तम होता है।
सांसारिक पूजा पाठ में तीन प्रकार से , देव पूजा का वर्णन शास्त्रों में है , पंचोपचार, दशोपचार और षोडशोपचार, आज इनका सरलतम रूप समझते हैं।
1 – पंचोपचार पूजा विधान
1 – गंध- हल्दी चंदन व कुमकुम ,2 – पत्र पुष्प , 3 – धूप , 4 – दीप , आरती ( कर्पूर ) , 5 – नैवेद्य , ततपश्चात क्षमा प्रार्थना
2 – दशोपचार पूजा विधान
1 – पाद्य , 2 – अर्घ्य , 3 – आचमन , 4 – स्नान ,5 – वस्त्र , 6 – गंध , 7 – पुष्प , 8 – धूप , 9 – , दीप 10 – नैवेद्य , तत्पश्चात क्षमा प्रार्थना
3 – षोडशोपचार पूजा विधान
1-आवाहन , 2 – आसन , 3 – पाद्य (चरण धोना ) , 4 – अर्घ्य ( हाथ धुलवाना ) , 5 – आचमन ( मुख प्रक्षालन ) , 6 – स्नान , 7 – वस्त्र , 8 – यग्योपवीत , 9 – गंध – चंदन कुमकुम , 10- पुष्प , 11 – , धूप , 12 – दीप , 13- नैवेद्य , 14 – नमस्कार , 15 – प्रदक्षिणा , परिक्रमा , 16 – मंत्र-पुष्पांजलि तत्पश्चात क्षमाप्रार्थना करनी चाहिए।
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