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ज्योतिष में रत्न क्यों पहनते है इनसे क्या होता है आईए जानते है

ज्योतिष में किसी भी ग्रह की ताकत को बढ़ाने के लिए हम रत्न का सहारा लेते है कुछ लोग यह मानते है रत्न पहनने से भाग्य बदल जाता है पर ऐसा कुछ भी नही है यह कोई अलादिन का चिराग नही है कि आपने घिसा कोई जिन्न बाहर आयगा और आपकी सभी तमन्ना पूरी कर देगा

रत्न पहनने से ग्रह की ऊर्जा बढ़ती है और वो ऊर्जा हमको मानसिक रूप से ताक़तवर बनाती है हम जिन चीज़ों पर फोकस नही कर रहे होते है या नही कर पाते है  हमारा फोकस उन चीज़ों पर अच्छा हो जाता है और वो ऊर्जा जिस ग्रह की होगी जिस भाव के स्वामी की होगी आपका दिमाग बिल्कुल वैसा ही उस ऊर्जा के जरिये काम करने लग जाता है

बुरे भावो के स्वामी की ऊर्जा को आप बड़ा देंगे आपके साथ बुरा होने लगेगा अच्छे भावो के स्वामी की ऊर्जा को बड़ा देंगे आपके साथ अच्छा होने लगेगा   क्योकि मानसिक रूप से आप प्रभावित हो रहे हो

आपने  सुना होगा कुंडली मे त्रिकोण के स्वामी के रत्न पहने जा सकते है क्योंकि त्रिकोण कुंडली का शुभ भाव होता है और ज्योतिषी लगन पंचम नवम भाव के रत्न एक पेन्डेन्ट में बनाकर गले मे धारण करवा देते है जानते है क्या है यह त्रिकोण और क्यों इतना महत्वपूर्ण होता है

मैंने पहले भी लिखा अब भी बताता हूँ पूर्वज है तीन पीढ़ी है खून का रिश्ता है ,

लगन आप

पंचम आपकी संतान

नवम आपके पिता

नवम से नवम आपके दादा जी वही पंचम भाव नवम से गिनने पर आपके दादा जी का भाव हो गया

देखिए आप आपकी  संतान का भाव पंचम है आपके पिता के पिता का भाव भी पंचम है क्योंकि वो नवम से नवम है दोनों चीज़े आपकी संतान आपके दादा जी का एक ही भाव होने से दादा और पोते में इसलिए जायदातर प्यार बहुत ही ज्यादा गहरा होता है इसलिए वो बोलते है मूल से ज्यादा ब्याज पसंद है
और कई बार जब हमारे दादा जी नही होते तो वही दादा जी पूर्वज आपकी संतान के रूप में आपके घर आ जाते है ऐसा कहा भी जाता है आपके ही कोई अपने लौटकर आये है अगर नवमेश पंचमेश की युति नवम और पंचम हो या यह तीन  ग्रह एक साथ लगन नवम पंचम में साथ हो

यह वो रिश्ते है जो आपस मे चोट एक को लगेगी दर्द सबको होगा

आपके पिता जी को कुछ हो जाय आप सब कुछ छोड़कर भाग आओगे उनके पास बेशक रिश्ते में कड़वाहट ही क्यों न हो

एक पिता अपने पुत्र के लिए सब कुछ करता है मेरा बेटा मुझसे बोले पापा मुझे यह कोर्स करना है इससे मेरा जीवन अच्छा हो सकता है मुझे पैसों की जरूरत है में अपनी सारी सेविंग लगाकर भी अपने बेटे का भविष्य बनाने को तैयार हो जाऊंगा

और उस समय ही मेरा मित्र मुझसे आकर यह कहे मेरे बेटे को अपना भविष्य बनाना है  मुझे पैसों की जरूरत है मदद कीजिये

तो शायद में भी या आप भी उसको यही कहेंगे कि मेरे बेटे ने भी अपने भविष्य को अच्छा करने के लिए कुछ पैसे मांगे है और मेरे पास जो पैसे है उससे में उसका भविष्य बना सकता हूँ उस समय आप अपने मित्र की मदद न करके अपने बेटे की मदद को ज्यादा सोचेंगे क्योकि उससे आपका खून का रिश्ता है

ऐसे ही मूल किसी को प्यारा नही होता ब्याज सबको प्यार होता है यह कहावत दादा जी पर बड़ी मशहूर है वो अपने पुत्र से ज्यादा अपने पोते से प्यार करते है

तो मित्रो यह जो त्रिकोण है यह सम्बन्ध रखते है दादा जी पिछले जन्म से पिता जी इस जन्म से लगन कोन मुझसे सम्बन्ध रखते है

इसलिए जिन्होंने यह कहा है त्रिकोण के स्वामी पीड़ित अवस्था मे हो अस्त हो उन पर पाप प्रभाव हो उनकी मदद करने के लिए लगन पंचम और नवम के रत्न पहनने चाहिए

इनसे आपको अपने पूर्वजो का स्नेह भी मिलता है शिक्षा भी मिलती है भाग्य भी बढ़ता है और आपको मान सम्मान भी

कुंडली मे पंचम भाव मे नवम भाव मे अपने मित्र की राशि को रखता है अगर अग्नि तत्व का लग्नेश है तो पंचम नवम में भी यह तत्व होंगे वायु होगा तो यह ही वहाँ जो भी होगा जल तत्व होगा वो भी वही होंगे तो यह तत्व भी यही दर्शाते हैं एक ही खून सबके शरीर मे है और कुंडली मे आप पिता दादा आपकी संतान यह तीन खंबे लग्नेश के साथ रहते है

हम जब पैदा होते है पिता के सहारे चलते है

हमारी संतान होती है वो हमारे सहारे चलते है

और जब हम बूढे हो जाते है तो हम संतान के सहारे चलते है और अन्तिम संस्कार भी हमारा उनके हाथ से होता है

बताइए है ना  विचित्र लगन भाव पंचम भाव और नवम भाव

इनके रत्न पहने जा सकते है

पर खुद न पहनें किसी ज्योतिष से सलाह के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए 🙏🏻