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होलाष्टक क्या होते हैं ? होलाष्टक किसे कहते हैं।
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होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योंहार है।फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। इस साल होलाष्टक की शुरुआत 7 मार्च 2025 से हो रही है। इस बार सात मार्च से होलाष्टक शुरू होगा। इस दौरान विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 13 मार्च 2025 को होलाष्टक समाप्त होगा तथा इस दिन होलिका दहन भी होगा।
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पूर्णिमा से आठ दिन पूर्व यानि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक की आठ दिन की अवधि होलाष्टक कहलाती है। यानि होलाष्टक अष्टमी तिथि को शुरू होते हैं। और होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाते हैं।
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होलाष्टक को अशुभ काल या अशुद्ध कालांश माना जाता है। इसलिए इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।

होलाष्टक में वर्जित कार्य इस प्रकार हैं –
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💐💐किसी भी उद्देश्य के लिए भवन का निर्माण करना.

💐💐गृह प्रवेश करना.

💐💐सगाई अथवा विवाह करना.

💐💐वाहन क्रय करना.

💐💐कुआ, जलाशय आदि खुदवाना,

💐💐मुंडन संस्कार करना.

💐💐किसी भी व्रत का आरम्भ और उद्यापन करना.

💐💐नव विवाहिता वधु का प्रवेश.

💐💐देव प्रतिमा की स्थापना करना.

💐💐यज्ञोपवीत संस्कार.
मन्त्र दीक्षा लेना.

💐💐कर्ण वेध.
आदि कार्य नहीं करने चाहिए।

लेकिन जो कार्य पहले शुरू किये जा चुके हैं। उन कार्यों को जारी रखा जा सकता है। नित्य एवं नैमित्तिक कर्म किये जा सकते हैं। इनके अतिरिक्त सूतिका स्नान आदि कार्य जिनकी अवधि निश्चित होती है वे कार्य किये जा सकते हैं।

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ओम नमः शिवाय
शिवजी सदा सहाय
सबका कल्याण हो……. ..

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