Select Page

प्रदोष व्रत आज


प्रदोष व्रत के दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव को हलवा, दही और खीर समेत आदि चीजों का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि इस शुभ काम को करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं। अब अप्रैल माह की शुरुआत होने जा रही है।

गुरु प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 09 अप्रैल को 10 बजकर 55 मिनट से शुरु होगी और 11 अप्रैल को रात 01 बजे तिथि खत्म होगी। ऐसे में प्रकार 10 अप्रैल को प्रदोष व्रत किया जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा करने का टाइम 06 बजकर 44 मिनट से 08 बजकर 59 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत पूजा सामग्री लिस्ट

कनेर का फूल, कलावा, गंगाजल, दूध, पवित्र जल, अक्षत, शहद, फल, सफेद मिठाई, सफेद चंदन, भांग, बेल पत्र, धूपबत्ती प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक समेत आदि।

प्रदोष व्रत के उपाय

प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन महादेव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से साधक को सभी कामों में सफलता मिलती है और महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
कारोबार में तरक्की पाने के लिए प्रदोष व्रत के अवसर पर संध्याकाल में भगवान शिव की पूजा करें। इस दौरान महादेव को भांग और बेल पत्र अर्पित करें। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। इस उपाय को करने से रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।