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भगवान शिव की पूजा कर ग्रहों को ठीक करें

सभी यहाँ का दोष दूर होता है महादेव की पूजा से…… ग्रंथों में ये व्याख्या है सभी देवों में भगवान शिव की पूजा को सबसे आसान बताया गया है। भक्तजन मात्र एक लोटा शुद्ध जल से शिवलिंग की पूजा करके ही इन्हें प्रसन्न कर सकते हैं इनका आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा। ग्रहाधीनं जगत सर्वम् के अनुसार यह सम्पूर्ण जगत ग्रहों के अधीन है अतः ग्रह अपने शुभ-अशुभ प्रभावों से इस चराचर जगत को सदैव प्रभावित करते हैं। अतः यह जनित विघ्न-बाधाओं को भी भगवान शिव की पूजा से दूर कर व्यक्ति सफल हो सकता है। भगवान शिव की पूजा से भी भक्तों की यहाँ की पीड़ा समाप्त होती है।

सूर्य कुंडली में सूर्य से संबंधित बाधा है तो शिवलिंग का विधिवत पंचोपचार अथवा षोड्शोपचार पूजन लाल आफ पुष्प पत्तों तथा बिल्व पत्र आदि चढ़ा कर अभिषेक सम्पन्न करने से निवारण मिलता है।

चंद्र चंद्र के प्रभाव से ग्रसित जातक को सर्दी-जुकाम आदि की समस्या बनी रहती है। ऐसे में सोमवार का व्रत करना और साथ ही गाय का दूध शिवलिंग पर चढ़ाना लाभदायक होता है।

मंगल: मंगल ग्रह के कुप्रभाव से रक्त संबंधित रोगों की संभावना अधिक रहती है। अतः मंगल ग्रह जनित परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए जातक को गिलोय की जड़ का रस शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।

बुध बुध ग्रह से संबंधित परेशानी हो तो जातक को विविध प्रकार के चर्म रोग कष्ट देते हैं या फिर वह गर्दै की समस्या से पीड़ित हो सकता है। ऐसे में विधारा की जड़ के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।

गुरु : बृहस्पति अनुकूल न होने पर मनुष्य को अनेक प्रकार के मानसिक रोगों के साथ-साथ आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है अतः बृहस्पति ग्रह को अपने अनुकूल बनाने के लिए हल्दी मिश्रित दूध से शिवलिंग का पूजन करना चाहिए।

शुक्र शुक्र ग्रह अशुभ होने पर जातक के आंतरिक अंगों में कई प्रकार की व्याधियां होती हैं। ऐसे में पंचामृत एवं चीनी मिश्रित दूध और घृत से शिवलिंग की पूजा-अर्चना करना श्रेयस्कर माना जाता है।

शनि: शनि जनित पीड़ा से ग्रस्त होने पर अचानक दुर्घटना आदि में चोट लगने का भय बना रहता है तथा मांसपेशियों से संबंधित परेशानी रहती है। ऐसे जातकों के लिए गन्ने के रस एवं छाछ से शिवलिंग की पूजा विशेष लाभदायक है।

राहु केतु कुंडली में अशुभ राहू या केतु की दशा चल रही हो या राहू केतू अशुभपिवतिजातक किसी भी प्रकार का निर्णय लेने में असमर्थर-उधर अध्याता

रहा है। ये यह मानसिक परेशानियों को अधिक बढ़ावा देते हैं। ऐसे उतकों को कुश या दूर्वा के रस में जल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष फलदायक है। ऐसा करने से