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सिद्धकुंजिका स्तोत्र के पाठ का समय
1. रात्रि 9 बजे करें तो अत्युत्तम।
2. रात को 9 से 11.30 बजे तक का समय रखें।

आसन
लाल आसन पर बैठकर पाठ करें

दीपक
घी का दीपक दायें तरफ और सरसो के तेल का दीपक बाएं तरफ रखें। अर्थात दोनों दीपक जलाएं।

किस इच्छा के लिए कितने पाठ करने हैं
1.विद्या प्राप्ति के लिए….पांच पाठ ( अक्षत लेकर अपने ऊपर से तीन बार घुमाकर किताबों में रख दें)
2. यश-कीर्ति के लिए…. पांच पाठ ( देवी को चढ़ाया हुआ लाल पुष्प लेकर सेफ आदि में रख लें)
3. धन प्राप्ति के लिए….9 पाठ ( सफेद तिल से अग्यारी करें)
4.मुकदमे से मुक्ति के लिए…सात पाठ ( पाठ के बाद एक नींबू काट दें। दो ही हिस्से हों ध्यान रखें। इनको बाहर अलग-अलग दिशा में फेंक दें)
5. ऋण मुक्ति के लिए….सात पाठ ( जौं की 21 आहुतियां देते हुए अग्यारी करें। जिसको पैसा देना हो या जिससे लेना हो, उसका बस ध्यान कर लें)
6. घर की सुख-शांति के लिए…तीन पाठ ( मीठा पान देवी को अर्पण करें)
7.स्वास्थ्यके लिए…तीन पाठ ( देवी को नींबू चढाएं और फिर उसका प्रयोग कर लें)
8.शत्रु से रक्षा के लिए…, 3, 7 या 11 पाठ ( लगातार पाठ करने से मुक्ति मिलेगी)
9. रोजगार के लिए…3,5, 7 और 11 ( एच्छिक) ( एक सुपारी देवी को चढाकर अपने पास रख लें)
10.सर्वबाधा शांति-  तीन पाठ (  लोंग के तीन जोड़े अग्यारी पर चढ़ाएं या देवी जी के आगे तीन जोड़े लोंग के रखकर फिर उठा लें और खाने या चाय में प्रयोग कर लें।