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अंगारक योग🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 🌞आओ समझें *1-प्रथम भाव* में अंगारक योग होने से पेट व लीवर रोग, माथे पर चोट, अस्थिर मानसिकता, क्रूरता और निजी भावनाओं की असंतुष्टि देता है। *2-द्वितीय* भाव में अंगारक योग होने से धन में उतार-चढ़ाव, तंगहाली, वाणी-दोष, कुटंभियों से विवाद व सक्की मिजाज बनाता है। *3-तृतीय* भाव में अंगारक योग होने से भाई-बहनों-मित्रों से कटु संबंध, वटवारा, अति उत्साही, एवं नास्तिक छल-कपट से सफल होते है। *4-चतुर्थ भाव* में अंगारक योग होने से माता को दुख, अशान्ती, क्लेश, मकान में बाधाऐं व भूमि संबंधित विवाद होते हैं। *5-पंचम भाव* में अंगारक योग होने से संतानहीनता, संतान से असंतुष्ट, नाजायज प्रेम संबंधों से परेशानी व जुए-सट्टे से लाभ भी हो सकता है। *6-छटम भाव* में अंगारक योग होने से कर्जदार, ऋण लेकर उन्नति करने वाला, शत्रुहंता, व्यक्ति खूनी, उग्र परंतु “डा. सर्जन” भी बन सकता है। पं.कृ.उ. *7-सप्तम भाव* में अंगारक योग होने से दुखी-विवादित वैवाहिक जीवन, नाजायज संबंध, हिंसक जीवन साथी, कामातुर, विधवा या विधुर होना परंतु सांझेदारी में धोका भी मिल सकता है। *8-अष्टम भाव* में अंगारक योग होने से आरोप-अपमान, धन-हानि, घुटनों से नीचे दर्द रहना, चोटें लगना, सड़क दुर्घटनाऐं के प्रबल योग बनते हैं। परंतु पैत्रिक संपती मिलने और लुटाने के प्रवल योग भी बनते हैं। *9-नवम भाव* में अंगारक योग होने से उच्च शिक्षा में बाधाऐ, भाग्यहीन, वहमी, रूढ़ीवादी व तंत्रमंत्र में लिप्त, पित्र-श्रापित, संतान से पीडित होते हैं। तथा बहुत ही परेशानियों का सामना करते हैं। *10-दशम भाव* में अंगारक योग होने से परंपराओं को तोडने वाले, पित्र संमत्ती से बंचित, माता-पिता की भावनाओं को आहत करने वाले परंतु ऐसे व्यक्ति अति कर्मठ, अधिकारी, मेहनतकश, स्पोर्टमेन व आत्यधिक सफल हो सकते है। *11-एकादश भाव* में अंगारक योग होने से, गर्भपात, संतान में विकलांगता, अनैतिक आय, व्यक्ति चोर, कपटी धोखेबाज़ होते हैं। पंरंतु प्रापर्टी से लाभ हो सकता है। *12-द्वादश भाव* में अंगारक योग होने से अपराधी प्रवृत्ति, वलात्कारी, जबरन हक जमाने वाले और अहंकारी हो सकते हैं। परंतु आयात-निर्यात, विदेशी व्यापार एवं रिश्वतख़ोरी से लाभ।

Astro Shaliini Malhottra

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