माता लक्ष्मी की सामान्य पूजा उपचारों गंध, अक्षत, फूल, फल अर्पित कर धूप और घी का दीप (घी का दीपक पूरी रात जल सके) लगाने के बाद लक्ष्मी स्तुति का पाठ करें। माँ लक्ष्मी को बताशा, पान, मखाना या मखाने की खीर, सिंगाड़ा फल जरूर अर्पित करें। बाद में स्वयं भी प्रसाद रूप में ग्रहण करें। नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते। शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते।।नमस्ते गरुडारूढ़े कोलासुरभयंकरि।सर्वपापहरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।सर्वदु:खहरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।। सिद्धिबुद्धिप्रदे देवी महालक्ष्मी भुक्ति-मुक्तिप्रदायिनी।मन्त्रपूते सदादेवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।। “ॐ ह्रीं श्रीं ऐं क्लीं महालक्ष्मी मम गृहे आगच्छ आगच्छ ॐ स्वाहा” इस मंत्र का धनतेरस से दिवाली तक सुन्दर चमकदार स्फटिक की माला से प्रतिदिन जप करें। श्वेत रेशमी वस्त्र का आसन हो तथा मुख पूर्व अथवा उत्तर की तरफ हो।
अष्टलक्ष्मी मंत्र – ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम: – ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम: – ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम: – ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम: – ॐ कामलक्ष्म्यै नम: – ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम: – ॐ भोगलक्ष्म्यै नम: – ॐ योगलक्ष्म्यै नम:
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