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बजरंग बाण =^=^=^=^^ अद्भुत चमत्कारी बजरंग-बाण जय श्रीराम, जय रामभक्त हनुमान… इस युग में साक्षात देवों में से एक हैं श्री हनुमानजी। बहुत से हनुमान भक्त न केवल दुख-क्लेशों से दूर रहते हैं बल्कि उनकी उन्नति भी उत्तरोत्तर होती रहती है। आइए जानते हैं भौतिक मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बजरंग बाण के अमोघ विलक्षण प्रयोग के बारे में… सबसे पहले अपने इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगल अथवा शनिवार का दिन चुन लें। हनुमानजी का एक चित्र या मूर्ति जप करते समय सामने रख लें। ऊनी अथवा कुशासन बैठने के लिए प्रयोग करें। शुद्ध स्थान तथा शान्त वातावरण आवश्यक है। दीपक में बत्ती के लिए अपनी लम्बाई के बराबर कलावे का एक तार लें अथवा एक कच्चे सूत को लम्बाई के बराबर काटकर लाल रंग में रंग लें। इस धागे को 5 बार मोड़ लें। इस प्रकार के धागे की बत्ती को सुगन्धित तिल के तेल में डालकर प्रयोग करें। समस्त पूजा काल में यह दिया जलता रहना चाहिए। पूजन करते समय हनुमानजी को सुगंधित गूगुल की धूनी से सुवासित करते रहें। ध्यान रहें कि जप के पहले यह संकल्प अवश्य लें कि आपका कार्य जब भी होगा, हनुमानजी के निमित्त नियमित कुछ भी करते रहेंगे। शुद्ध उच्चारण से हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण का जाप प्रारम्भ करें। “श्रीराम–” से लेकर “–सिद्ध करें हनुमान” तक एक बैठक में ही इसकी एक माला जप करनी है। गूगुल की सुगन्धि देकर जिस घर में बजरंग बाण का नियमित पाठ होता है, वहाँ दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य शारीरिक कष्ट आ ही नहीं पाते। यदि किसी कारण नित्य पाठ करने में असमर्थ हो, तो प्रत्येक मंगलवार को यह जप अवश्य करना चाहिए।

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